संजय कुमार
बिहारशरीफ। जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई सक्षम (डीपीएम) की अधिकारी रत्ना अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि नित्या देवी को शांति कुटीर के कर्मियों द्वारा सड़क पर छोड़े जाने की बात पूरी तरह निराधार है। यह खबर कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई थी, जिसके आलोक में मामले की सच्चाई जानने के लिए मंगलवार को नालंदा के बड़ी पहाड़ी मंदिर का दौरा किया गया।
स्थानीय लोगों और नित्या देवी से बातचीत के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि उनके भाई, भाभी, और अन्य रिश्तेदार बड़ी पहाड़ी मंदिर के आसपास ही रहते हैं। उनका सौतेला बेटा भी कभी-कभी उनसे मिलने आता है, लेकिन कोई भी उन्हें अपने साथ घर ले जाने को तैयार नहीं है।
नित्या देवी ने अपनी इच्छा प्रकट की है कि वे मंदिर में ही रहकर माता रानी की सेवा करना चाहती हैं। हालांकि, ठंड के मौसम और सुरक्षा के दृष्टिकोण से मंदिर में उनका रहना उचित नहीं समझा गया। इसलिए, उन्हें पुनः शांति कुटीर, मोरा तलाव में भेज दिया गया है।
डीपीएम रत्ना अग्रवाल ने कहा कि नित्या देवी की इच्छा का पूरा सम्मान किया जाएगा, लेकिन उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उचित कदम उठाए गए हैं। वर्तमान में उन्हें शांति कुटीर में सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
डीपीएम ने उन समाचार पत्रों से अपील की है जिन्होंने गलत जानकारी प्रकाशित की, कि वे मामले का तथ्यात्मक प्रस्तुतीकरण करें और सही सूचना लोगों तक पहुंचाएं।