गोल्डी का सपना हुआ सच, गोल्ड जीतकर बढ़ाया भारत का मान

Written by Sanjay Kumar

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नालंदा लक्ष्य खेल अकादमी का हीरा निकला कोहिनूर

हरिओम कुमार
हरनौत (नालंदा ) गोल्डी का सपना सच साबित हुआ। उसने थाईलैंड में गोल्ड जीतकर भारत का मान बढ़ाया है। साथ ही जिला का मान भी बढ़ाया है। वाकई में पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए पी जे कलाम ने सच ही कहा कि -मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।।
अब समान्य को छोड़िये, दिव्यांगजन खिलाड़ी भी अपने तेज रफ्तार से रोज नये नये आयाम गढ़ रहे हैं।
नालंदा लक्ष्य खेल अकादमी से प्रशिक्षित व शुरुआत से ही विलक्षण प्रतिभा की धनी निकली।अब दिव्यांगजन खिलाड़ी अपने तेज रफ्तार से रोज नये नये आयाम गढ़ रहे हैं।


बताते चलें कि हरनौत (नालंदा ) की बेटी गोल्डी कुमारी अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में पूरा दमखम दिखाई। उसने थाईलैंड में होने वाली विश्व पैरा ओलंपिक यूथ गेम्स में बिहार ही नहीं बल्कि देश का प्रतिनिधित्व किया।गोल्डी कोई परिचय का मोहताज नहीं है। उसका एक ही मकसद था गोल्ड मैडल जितना। और उसे सावित कर दिया। हरनौत में ही रहकर उच्च विद्यालय के खेल ग्राउंड में अपने गुरु (कोच ) कुंदन कुमार पांडे के देखरेख में कड़ी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है। गोल्डी का कोच रहे कुंदन कुमार पांडे ने बताया कि ग्रामीण परिवेश में खेल के क्षेत्र में ढेर सारी संभावनाएं हैं। लेकिन जानकारी एवं जरुरी आवश्यकता की पूर्ति नहीं होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में मेधावी खिलाड़ी पड़े रह जाते है। इसमें सबसे ज्यादा उनकी आर्थिक तंगी भी समस्या बनती है। सरकारी व्यवस्था एवं स्थानीय बुद्धिजीवियों को भी चाहिए कि उनके ग्रामीण इलाके में जो भी प्रतिभावान लोग नजर आते हैं, उन्हें निखारने का कार्य करें ताकि वह आगे बढ़कर देश दुनिया में अपना एवं देश का नाम रोशन कर सके। उन्होंने बताया कि गोल्डी शुरू से ही खेलकूद के प्रति काफी रुचि लेती थी। जिसका नतीजा भी दिख रहा है। बायां हाथ बचपन में ही एक दुर्घटना में छतिग्रस्त हो गया था। वावजूद वह दिव्यांगों के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है। गोल्डी को कोलकाता एवं बेंगलुरु में विशेष प्रशिक्षण दिया गया। मार्च 2024 से वह प्रशिक्षण ले रही है। दो बार जूनियर पैरालंपिक राष्ट्रीय गेम्स में गोल्ड लाकर जिला एवं राज्य का नाम रोशन किया है। बुलंद हौसले के साथ थाईलैंड में खेलेगी। वह थाईलैंड में अंडर 17 की एफ 46 कैटेगरी में गोला, चक्का, फेंक प्रतियोगिता में शामिल होगी। गोल्डी गुजरात के नाडियाल में 12वीं जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोला फेंक एवं बेंगलुरु में 13वीं जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में चक्का फेंक में गोल्ड मैडल जीतकर चर्चा में आई थी। इसके बाद वह वापस मुड़कर नहीं देखी। अब उसका एक ही मकसद है सिर्फ गोल्ड जितना। इसके लिए पूर्व निशक्तता आयुक्त डॉ शिवाजी कुमार, बिहार पारा स्पोर्ट्स एसोसिएशन के सचिव संदीप कुमार, डिप्टी चेयरमैन के प्रतिनिधि सुरेश सिंह , समाजसेवी चंद्र उदय कुमार, पत्रकार रवि कुमार, आरपीएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ उपेंद्र कुमार सिंहा , जीडीएम कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एसएनपी सिन्हा,डॉ अनुज कुमार सिंहा, प्रमोद कुमार सहित हरनौत प्रखंड के लोगों ने बधाई दिया है।

Sanjay Kumar

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