संजय कुमार
बिहारशरीफ। जीविका दीदी के कार्यों को समझने और देखने के लिए देश-विदेश से स्वयं सहायता समूहों की टीमें नालंदा पहुंच रही हैं। इसी क्रम में गुरुवार को मणिपुर की 76 सदस्यीय टीम ने नालंदा का दौरा किया। जिला परियोजना प्रबंधक संजय प्रसाद पासवान ने बताया कि यह टीम नालंदा में ठहरकर ‘नालंदा मॉडल जीविका’ का अध्ययन और अवलोकन करेगी।
टीम ने अपने पहले दिन पावापुरी मेडिकल केंद्र स्थित जीविका दीदी की कैंटीन के कार्यों को बारीकी से देखा। इसके बाद, उन्होंने राजगीर और सिलाव के कई स्वयं सहायता समूह केंद्रों पर जाकर दीदी के कार्यों से रूबरू होने का अवसर प्राप्त किया।
टीम को बताया गया कि जीविका परियोजना गरीबी उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है। मणिपुर की टीम के सदस्यों को जानकारी दी गई कि अत्यंत गरीब परिवारों के घरों में जाकर उनकी मूल आवश्यकताओं का आकलन किया जाता है और फिर उनकी पूर्ति के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा, निरंतर आमदनी के लिए महिलाओं को उनकी योग्यता और क्षमता के अनुसार व्यावसायिक प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
टीम को यह भी बताया गया कि व्यवसाय स्थापित करने के लिए पूंजी प्रदान की जाती है और व्यवसाय के संचालन के दौरान आने वाली चुनौतियों का सामना करने में जीविका परियोजना से जुड़े कर्मियों द्वारा महिलाओं को पूरी तरह से सहायता प्रदान की जाती है। इस प्रक्रिया में न केवल आर्थिक सहायता की जाती है, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाता है।
इस प्रकार, मणिपुर की टीम ने नालंदा में जीविका दीदी के सफल कार्यों का गहन अध्ययन किया और आत्मनिर्भरता की दिशा में उठाए गए कदमों की सराहना की।